जयपुर: ग्रेटर नगर निगम की बर्खास्त मेयर डॉ. सौम्या को राजस्थान हाईकोर्ट से बर्खास्त करने का आदेश रद्द होने से राजस्थान का सियासी माहौल आज फिर गर्मा गया है. हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद डॉ. सौम्या गुर्जर जयपुर ग्रेटर नगर निगम की मेयर मानी जा रही हैं. वहीं इस फैसले के बाद बीजेपी कांग्रेस पर हमलावर हो गई है.
कोर्ट के फैसले का स्वागत किया
आज सुबह जब राजस्थान उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने मेयर सौम्या की बर्खास्तगी के आदेश को रद्द कर दिया, तो राजस्थान विधानसभा में विपक्ष के उप नेता राजेंद्र राठौड़ ने तंज कसते हुए कहा कि, “माननीय उच्च न्यायालय का निर्णय जयपुर ग्रेटर नगर निगम महापौर के मामले में। देर हो गई लेकिन ‘नेवर’ की तर्ज पर अंधेरा आ गया है और गहलोत सरकार की झूठी नीति और मंशा उजागर हो गई है।
नौकरशाही के कथित दुरूपयोग
वहीं राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि राज्य सरकार ने निर्वाचित जनप्रतिनिधि को 6 साल के लिए अयोग्य घोषित करने के साथ ही तत्कालीन मेयर सौम्या गुर्जर जी को अयोग्य घोषित करने की साजिश रची थी. राठौड़ ने कहा कि माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय ने यह साबित कर दिया है कि लोकतांत्रिक तरीके से निर्वाचित महापौर, जिलाध्यक्ष, अध्यक्ष और विपक्षी दल भाजपा के प्रधानों को सत्ता से बेदखल करने की साजिश सरकार द्वारा नौकरशाही के दम पर रची जा रही है. .
उन्होंने कहा कि माननीय उच्च न्यायालय का निर्णय ऐतिहासिक और स्वागत योग्य है और राज्य सरकार को इससे सबक लेना चाहिए और जनप्रतिनिधियों के लोकतांत्रिक अधिकारों के उल्लंघन की कार्यशैली से बचना चाहिए.
आज निगम के नए मेयर का उपचुनाव था
आपको बता दें कि जयपुर ग्रेटर नगर निगम की बर्खास्त मेयर डॉ. सौम्या को बर्खास्त करने का आदेश राजस्थान हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है. यह आदेश हाईकोर्ट के जज महेंद्र गोयल की सिंगल बेंच ने दिया है। कोर्ट ने आदेश सुनाते हुए कहा- महापौर की बर्खास्तगी का आदेश रद्द कर दिया गया है, इसलिए चुनाव कराने का कोई मतलब नहीं है. क्योंकि उनके निलंबन के बाद आज निगम के नए मेयर के लिए उपचुनाव हो रहे थे. जिन पर फिलहाल रोक लगा दी गई है।
मालूम हो कि सौम्या गुर्जर ने उन्हें बर्खास्त करने के सरकार के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.