Monday, March 20, 2023
Google search engine
Homeप्रदेशराजस्थान'जिनके 10 विधायक नहीं हैं, वे सीएम कैसे बन सकते हैं', सीएम...

‘जिनके 10 विधायक नहीं हैं, वे सीएम कैसे बन सकते हैं’, सीएम गहलोत ने पायलट पर साधा निशाना


जयपुर: एक तरफ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी देश की जनता का विश्वास जीतने के लिए भारत जोड़ो यात्रा कर रहे हैं. तो वहीं दूसरी ओर राजस्थान में कांग्रेस नेता बयानों से एक दूसरे पर तीर चला रहे हैं. ताजा मामला राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत द्वारा सचिन पायलट को लेकर दिए गए बयान का है। गुरुवार को सीएम गहलोत ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू के दौरान कहा कि जिसे 10 विधायकों का भी समर्थन नहीं है, वह मुख्यमंत्री कैसे बन सकता है.

बता दें कि 25 सितंबर के सियासी ड्रामे के बाद सचिन पायलट पर सीएम गहलोत का यह अब तक का सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है. इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के दौरान राजस्थान में नेतृत्व को लेकर बड़ी खींचतान हुई थी, क्योंकि अशोक गहलोत को कांग्रेस अध्यक्ष पद का सबसे बड़ा दावेदार माना जा रहा था.

सचिन पायलट को सीएम के रूप में स्वीकार नहीं किया गया

सीएम गहलोत ने इस इंटरव्यू के दौरान कहा कि राजस्थान में आलाकमान किसी को भी सीएम बना सकता है लेकिन सचिन पायलट को कोई स्वीकार नहीं करेगा. उनके पास दस विधायकों का भी समर्थन नहीं है, उन्हें कोई स्वीकार नहीं करेगा। आगे सीएम ने कहा कि उन्होंने खुद 34 दिन झेला, लेकिन अब 102 विधायकों में से किसी एक को मुख्यमंत्री बना देना चाहिए, लेकिन जिस व्यक्ति ने विश्वासघात किया है, उसे सीएम कैसे बनाया जा सकता है.

बीजेपी पर फंडिंग का आरोप

उधर, सीएम गहलोत ने सचिन पायलट की 2020 की बगावत का जिक्र करते हुए कहा कि इसे बीजेपी ने फंडिंग की थी. उन्होंने पायलट पर यह भी आरोप लगाया कि बगावत के दौरान 10 करोड़ रुपये बांटे गए, पैसे भाजपा के दिल्ली कार्यालय से लिए गए. गहलोत ने कहा कि उस दौरान मेरे पास पैसों के लेनदेन के सबूत हैं. गहलोत ने कहा कि नाराजगी के बाद पायलट कांग्रेस कार्यालय नहीं बल्कि मानेसर गए और वहां बीजेपी के धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात होती थी.

विद्रोह के बारे में यह कहा

सीएम गहलोत ने कहा कि बगावत वह नहीं है जो 2 महीने पहले विधायक दल की बैठक का बहिष्कार कर विधायकों ने की थी, बल्कि बगावत सचिन पायलट ने 2 साल पहले अपने विधायकों को लेकर की थी. उन्होंने कहा कि दो महीने पहले विधायक दल का बहिष्कार करने वाले विधायक कांग्रेस के वफादार हैं। जिन्होंने 34 दिन होटल में रहकर सरकार बचाने में मदद की थी।

उन्होंने बताया कि 25 सितंबर को विधायकों द्वारा की गई बगावत मेरे कहने पर नहीं हुई थी. अगर एक भी विधायक ऐसा कहता है तो मैं इस्तीफा दे दूंगा। उन्होंने कहा कि विधायकों के सामने अफवाह फैलाई गई कि सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा और दिल्ली से पर्यवेक्षक एक लाइन का प्रस्ताव पारित करेंगे.

सीएम पद को लेकर कहा- मैं अब भी वहीं हूं

उधर, अपने सीएम पद पर बने रहने के सवाल पर गहलोत ने कहा कि अगर आप मुझे रखना चाहते हैं तो रख सकते हैं, मैं लगातार काम कर रहा हूं, लेकिन 2023 से पहले अगर पायलट के तौर पर चेहरा बदला तो कोई नहीं इसे स्वीकार करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि अभी मैं राजस्थान का सीएम हूं और राज्य के हालात को देखकर लगता है कि आने वाले समय में आलाकमान को न्याय करते हुए उचित निर्णय लेना चाहिए.

सितंबर में विद्रोह हुआ था

गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष की दौड़ में अशोक गहलोत के नाम पर विचार किया जा रहा था. इससे पहले राजस्थान में विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी, लेकिन गहलोत खेमे के 80 से ज्यादा विधायकों ने बैठक का बहिष्कार कर दिया. इसके बाद जब कलह तेज होती दिखी तो गहलोत ने अध्यक्ष बनने से इनकार कर दिया और आलाकमान से माफी मांगी। हालांकि वे अब भी सीएम पद पर बने हुए हैं और सचिन पायलट खेमा अक्सर यह मांग उठाता रहता है कि अब पायलट को हटाकर मुख्यमंत्री बनाया जाए.

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments