चंडीगढ़: मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने किसान संघर्ष के दौरान शहीद हुए 634 किसानों के वारिसों को अब तक कुल 31 करोड़ 70 लाख रुपये 5 लाख रुपये की दर से जारी किए हैं. इसी प्रकार, विभिन्न विभागों में किसानों के 326 वारिसों को सरकारी नौकरी दी गई है, 98 को नौकरी देने के लिए सत्यापन पूरा कर लिया गया है जबकि 210 अन्य को सरकारी नौकरी देने की प्रक्रिया पूरी की जा रही है.
यह जानकारी पंजाब के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने बुधवार को यहां पंजाब भवन में किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष सतनाम सिंह पन्नू और प्रदेश महासचिव सरवन सिंह पंढेर के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल के साथ मुलाकात के दौरान दी. उन्होंने किसानों की मांगों से सहमति जताते हुए कहा कि किसान संघर्ष के दौरान स्वीकृत मांगों को व्यावहारिक रूप देने के लिए पंजाब सरकार केंद्र को पत्र लिखेगी.
समानता नीति लागू करें
मंत्री धालीवाल ने भारत माला योजना के तहत बन रहे हाईवे में किसानों को आने वाली जमीन के संबंध में मौके पर मौजूद हाईवे से संबंधित अधिकारी से कहा कि जमीन का रेट तय करने में समता नीति अपनाई जाए. उन्होंने संबंधित अधिकारियों को हाईवे के लिए किसानों से ली जा रही जमीन से संबंधित संभागीय आयोगों के पास लम्बित प्रकरणों एवं अपीलों का निर्धारित समय-सीमा में निराकरण करने के भी निर्देश दिये.
कृषि मंत्री ने किसानों की ओर से गन्ना मूल्य, रेड एंट्री, किसानों के खिलाफ मुकदमे वापस लेने, सहकारी और निजी मिलों के बकाया, बाढ़ और अन्य प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसल के नुकसान का मुआवजा, और अन्य मांगों को मौके पर ही संबंधितों से उठाया। अधिकारियों। किसानों से प्रगति रिपोर्ट ली और साझा की। उन्होंने किसानों से कहा कि पंजाब की कृषि नीति जल्द ही तैयार की जाएगी और नई नीति के लागू होने के बाद अधिकांश मुद्दों का समाधान कर लिया जाएगा।
धालीवाल ने किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के सदस्यों से अपना संघर्ष वापस लेने की अपील की और कहा कि वर्तमान पंजाब सरकार उनकी अपनी सरकार है और किसानों के मुद्दों को हल करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है.
इस मौके पर एडीजीपी कानून व्यवस्था अर्पित शुक्ला, प्रमुख सचिव कृषि डीके तिवारी, प्रमुख सचिव पशुपालन श्री विकास प्रताप, सचिव कृषि एस. अर्शदीप सिंह थिंद, उपायुक्त तरनतारन श्री ऋषिपाल, पुलिस आयुक्त अमृतसर एस. जसकरन सिंह और निदेशक कृषि स. गुरविंदर सिंह के अलावा पंजाब के विभिन्न विभागों से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.