क्यूआर कोड धोखाधड़ी: भारत में लॉन्च किए गए UPI आधारित ऑनलाइन भुगतान प्रणाली ने भारत में बैंकिंग को पूरी तरह से बदल दिया है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक अब देश ऑनलाइन भुगतान और पैसे के डिजिटल लेनदेन के मामले में अमेरिका, चीन जैसे देशों को पीछे छोड़ चुका है। अब आप मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी का उपयोग करके पैसे भेज सकते हैं, किसी से भी पैसे प्राप्त कर सकते हैं। अगर मोबाइल नंबर या ईमेल आईडी या यूपीआई आईडी काम नहीं कर रहा है तो आप सिर्फ क्यूआर कोड से पैसे का लेनदेन भी कर सकते हैं।
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लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपकी एक छोटी सी गलती आपका पूरा अकाउंट साफ कर सकती है। जी हां, इन दिनों क्यूआर कोड के बढ़ते इस्तेमाल से यह खतरा और भी बढ़ गया है। इन दिनों यह एक चलन हो गया है कि किसी ने आपको एक क्यूआर कोड भेजा और आपने उसे स्कैन किया और पैसे भेजे। अब हैकर्स इसी क्यूआर कोड की मदद से लोगों के बैंक खाते खाली कर रहे हैं।
ऐसे होता है क्यूआर कोड फ्रॉड का पूरा खेल
अगर आपने किसी मॉल में शॉपिंग करने के बाद ऑनलाइन पेमेंट किया है तो आपने भी एक बात नोटिस की होगी। वहां काउंटर पर बैठा व्यक्ति आपको अपने पेमेंट सिस्टम पर एक क्यूआर कोड दिखाता है, जिसे स्कैन करते ही आपके फोन में पेमेंट की डिटेल दिखाई देती है और वहां रकम भी लिखी होती है। आपको बस उस भुगतान के लिए अपनी स्वीकृति देनी है और एक बार ऐसा होने पर आपके खाते से दुकान के मालिक के खाते में पैसा स्थानांतरित कर दिया जाता है।
हैकर्स इस तकनीक का इस्तेमाल ऐसे क्यूआर कोड बनाने में कर रहे हैं जिनमें पेमेंट की डिटेल नहीं लिखी होती है। जैसे ही आप अपने फोन से उन क्यूआर कोड को स्कैन करते हैं, क्यूआर कोड में छिपा हैकर्स का प्रोग्रामिंग कोड अपना काम शुरू कर देता है। ऐसे में या तो हैकर्स मैलवेयर के जरिए आपके फोन में कोई छिपा हुआ ऐप इंस्टॉल कर लेते हैं जो आपके फोन की सारी डिटेल उन्हें भेज देता है। इस तरह, वे आपके ईमेल आईडी पासवर्ड, बैंक खाते के विवरण और लॉगिन डेटा, निजी फोटो, वीडियो आदि पर नियंत्रण प्राप्त कर लेते हैं।
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QR कोड फ्रॉड से बचने के लिए रखें ये सावधानियां
क्यूआर कोड फ्रॉड से बचने के लिए सबसे पहले अपने फोन से सभी के क्यूआर कोड को स्कैन करना बंद कर दें। केवल उन्हीं कोडों को स्कैन करें जिनके लिए आप पुष्टि करते हैं कि वे वास्तविक हैं और आपको कोई नुकसान नहीं होगा। कभी-कभी सोशल मीडिया पर समाचार के लिंक या महत्वपूर्ण जानकारी के लिंक के रूप में भी क्यूआर कोड भेजे जाते हैं और उन्हें स्कैन करने की सलाह दी जाती है। ऐसे सभी लिंक और क्यूआर कोड से बचें।
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