हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार देव दिवाली का पर्व हर साल कार्तिक मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस बार देव दिवाली के दिन पूर्ण चंद्र ग्रहण होने के कारण एक दिन पहले 7 नवंबर को देव दिवाली का पर्व मनाया जा रहा है.
देव दिवाली क्यों मनाई जाती है?
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक मास की पूर्णिमा के दिन भगवान शिव ने देवताओं के प्रबल शत्रु राक्षस त्रिपुरासुर का वध कर समस्त सृष्टि को भय से मुक्त कर दिया था। देवताओं ने उनके सम्मान में दीप जलाकर प्रसन्नता का उत्सव मनाया। तभी से इस दिन को देव दिवाली कहा जाने लगा और हर साल कार्तिक मास की पूर्णिमा के दिन देव दिवाली मनाई जाती थी।
देव दीपावली पर यह है शुभ मुहूर्त
ज्योतिषियों के अनुसार इस बार देव दीपावली का शुभ मुहूर्त इस प्रकार से बन रहा है
- पूर्णिमा तिथि शुरू: 7 नवंबर, 2022 शाम 4:15 बजे
- पूर्णिमा तिथि समाप्त: 8 नवंबर, 2022 शाम 4:31 बजे
- प्रदोषकाल देव दीपावली मुहूर्त: शाम 5:14 से शाम 7:49 तक
देव दीपावली पर दीपदान का विशेष महत्व
कार्तिक पूर्णिमा यानि देव दिवाली के दिन पवित्र नदियों और सरोवरों में स्नान कर दीपदान किया जाता है। बड़ों के अनुसार ऐसा करने से व्यक्ति को देवताओं की कृपा प्राप्त होती है और व्यक्ति के सभी कष्ट, रोग, दुख और दुख नष्ट हो जाते हैं और सुख, धन और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।